कागद राजस्थानी

गुरुवार, 20 जून 2013

*ठाट सरदी रा *


सरदी लागै सांतरी, खावण आवै ठाट ।
पूड़ी पापड़ पापड़ी, सगळी जावां चाट ।1।
चाट पकोड़ी चटपटी , ताती ताती चाय ।
छोडां नीं म्हे बापजी, झट लेवां गटकाय ।2।
पगेलागणां बाद में , पैली देखां चाय ।
बिना चाय रै भायलां, भेंट न आवै दाय ।3।
मूंफळी चलै जोट में, आखी आखी रात ।
खाणां पीणां नीवड़ै ,घटै न मन री बात ।4।
ताती पीवां चावड़ी, मुंडै निकळै बाफ ।
चाट पकोड़ी देखगै ,नीचै पटकां राफ ।5।

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