कागद राजस्थानी
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ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
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कागद हो तो हर कोई बांचै...
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रविवार, 20 मई 2012
गीरगडी
लोक री बात
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गीरगडी भई गीरगडी ।
सासू छोटी बहू बडी ।।
सासू जाम्यो गीगलो ।
बहू बेटा तूं दही बिलो ।।
माखण काढ मोकळो ।
सासू देस्सी ढोकळो ।।
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