बीस दूहा पूंछ आळा
[१]
साग बणायो सोहनी,मिरचां दी बुरकाय ।
जीमण बैठ्यौ सायबो, मुंडै लागी लाय ॥
बोलण री टाळ होगी ॥
[२]
काचर छौलै कामणी,माळा पौवै बीन ।
डोरै चाढै ऐक-दो, कोठै ठौकै तीन ॥
जा रे काचर रा बीज ॥
[३]
घरां बणाई लापसी ,मिंदर लागी धौक ।
मीट-मसाला नीं पकै।,दारू पर भी रोक ॥
देवता सोफ़ी होणां ॥
[४]
कार ल्याया काको सा,काकी मांग्या हिंडा ।
काको जाबक नाटग्या,काकी दिंधी खिंडा ॥
अब ले लै लाडी पींडा ॥
[५]
देख जलेबी हाट पर,घरां ढूक्या बणाण ।
जेवडा़ सा गूंथ लिया, रस घाली रामाण ॥
ल्यो,और लेल्यौ पंगा ॥
[६]
छोरै नै उडीकतां, टाबर होग्या पांच ।
चूण चाटियौ सफ़ाचट,भूखी सोवै चांच ॥
रोयल्यौ जामणियां नैं ॥
[७]
जेबां राखै कांगसी, सिर में कोनीं बाळ ।
गंजो भाख्यां बाप जी,साम्हीं काढै गाळ ॥
लेओ मोडां सूं पंगा ॥
[८]
रूंख लगाया बापजी,बेटां दिया उपाड़ ।
कीकर फ़ळसी खेतडा़,खावण ढूकी बाड़ ॥
दो लगाओ कान तळै ॥
[९]
रोटी दोरी खावणी, मैं’गाई में आज ।
आंख्यां मींची बापजी,बोटां थरप्यै राज ॥
बोट ई खोलसी आंख ॥
[१०]
बोटां आळै राज में,है नोटां रा खेल ।
बिन नोटां रै भायला,सांचा जावै ज़ेल ॥
बोट में मिलग्यौ खोट ॥
[११]
घणौ कमायो सायबा, घरां पधारो आय ।
रासण खूट्यो आसरै,बिज़ळी झपका खाय ॥
बो देस्सी तन्नै न्योळी ॥
[१२]
चावळ खावै धपटवां, रोटी खावै सात ।
ऐडी़ म्हारै कामणी,क्या कै’णी है बात ॥
हाथै कीन्या कामणां
[१३]
पगां न चालै कामणीं,चढवां मांगै कार ।
टायरडा़ तौबा करै, देख मैम रो भार ॥
तो टरकडो़ बपराओ ॥
[१४]
मामा ल्याया मायरौ,गाभां री भरमार ।
भाणूं गाभा छौडगै, मांगण ढूक्यौ कार ॥
के बाप परणायौ है ॥
[१५]
टाबर मांगै टैम पर, रोटी गाभा चाय ।
धणीं न ल्यावै रोकडो,धीणै टळगी गाय ॥
चालो सांभौ कटौरो ॥
[१६]
हेत हबोळा चालतां ,फ़ोन दियो घुंकाय ।
बातां चालै रसभरी ,कुण देवै छुडवाय ॥
बिल ई काट सी पापो ॥
[१७]
मायत सोरी पाळगै,छोरी दी परणाय ।
वज़न पूछ्यौ सायबै,कुण देवै तुलवाय ॥
धरमकांटो ई देखो ॥
[१८]
गधो भाख्यां आप गधी,भेजो लियो लगाय ।
नैनो जुग रो हो भलो,ऐ.जी. सूं धिक जाय ॥
गळबंधी तो बाज सी ॥
[१९]
रोटी मांगी सायबां, काची दी झलाय ।
मैडम बैठी साम्हनै,डरतै ली गटकाय ॥
तो किस्सै कूए में पडै़ ॥
[२०]
मायड़ भाषा रै बिनां, म्हारो मुंडौ बंद ।
नीं जाणां म्हे बापजी,कूकर कटसी फ़ंद ॥
घाल गळ में साफ़लियो ॥
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