कागद राजस्थानी

सोमवार, 8 अगस्त 2011

नेता अर बाबां रा दूहा

*आप बताओ बापजी*
 
हालत म्हारै देस री, मत ना पूछो आज ।
नेता खावै नोटड़ा, जनता माथै गाज ।।
हाकम होया हरामी,खुल्ली मचावै लूट ।
आप बताओ बापजी,कुणसै दीवी छूट ।।
नेता जी रै हाथ मेँ, भूंडी बेजां चाल ।
जनता रोवै बापड़ी, नेता खावै माल ।।
नेता जी रै आंगणै,चालै है टकसाल ।
बोटां आळी टैम मेँ,बण आवै कंगाल ।।
*बाबा बदनाम*
 
राजा भरतो हाजरी, बाबां आगै जाय ।
अब बाबा रोज मंडै, राजा आगै जाय ।1।
 
राजा करतो चाकरी,बाबां चरणां बैठ ।
.अब तो चाटै पगथळी, बाबां खोई पैठ ।2।
 
राजा सोंतो ओजकै , बाबा लेंता चैन ।
राजा सोवै चैन सूं, बाबा जागै रैन ।3।
 
बाबा तपता मोकळा , धन सूं जाता दूर ।
बाबां रोप्या बिणजड़ा, लाज्या भगवां पूर ।4।
 
बिरम ग्यान नै ध्यांवता ,बाबा हा निसकाम ।
रगां बिराजै कामड़ो, बाबा है बदनाम ।5।

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