कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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शुक्रवार, 1 जून 2012
कुचरणीं
छेद अर भेद
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साची कै'ग्यो बाबो
छेद अर भेद ढाबो
छेद अर भेद
कदै ई
नीं खोलणां
जे ऐ खुल जावै
तो सो कीं ढुळ जावै !
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