मायड़ भासा रै बिन्यां, क्यां रो राजस्थान
(राजस्थान दिवस माथै ओ खास लेख)
राजस्थान री थापणा हुई बो दिन हो तीस मार्च-1949। राजस्थान नांव पच्छम रा इतिहासार 'कर्नन जेम्स टाड' 1829 में दियो। इण सूं पैली इण रो नाम राजपूताना हो। ओ नांव जार्ज थामस सन 1800 में दियो। राजपूतानै में 26 रियासतां ही। आं नै भेळ'र भारत में मिलावण री पैली चेस्टा 31 दिसम्बर, 1945 में पंडित जवाहरलाल नेहरू करी। बां उदयपुर में राजपूताना सभा बणाई। दूजी चेस्टा उदयपुर रा राजा भूपालसिंह अर बीकानेर नरेश सार्दुलसिंघजी करी। पैला गृहमत्री सरदार पटेल चौथी चेस्टा में इण राजपूतानै नै भारत संघ में रळायो। आज रै राजस्थान रै एकठ री बी सात चेस्टावां होई। पैली चेस्टा 18 मार्च, 1948 में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली नै भेळण री। नांव थरप्यो- मत्सय संघ। इणरी राजधानी बणी अलवर। राजप्रमुख बण्या धौलपुर नरेश उदयभान सिंघ। प्रधानमत्री बण्यां शोभाराम कुमावत। दूजी चेस्टा 25 मार्च, 1948 में हुई। मत्सय संघ में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, कुशलगढ, शाहपुरा, प्रतापगढ, किशनगढ, टोंक अर डूंगरपुर नै भेळ'र राजस्थान संघ बणायो। इणरी राजधानी कोटा। कोटा रा महाराज भीमसिंह राजप्रमुख। गोकळदास असावा प्रधानमंत्री। तीजी चेस्टा18 अप्रेल, 1948 में होई। इण बार उदयपुर राजस्थान संघ में भिळ्यो। उदयपुर रा महाराजा भूपालसिंह राजप्रमुख। माणिक्य लाल वर्मा बण्या प्रधानमंत्री। चौथी चेस्टा 30 मार्च, 1949 में। इण बार बण्यो बृहद राजस्थान। इण बार रियासतां भिळी बीकानेर, जयपुर, जैसलमेर अर जोधपुर। राजप्रमुख बण्या महाराजा भूपालसिंह। उप राजप्रमुख कोटा महाराव भीमसिंह। हीरालाल शास्त्री बण्या प्रधानमंत्री। पांचवी चेस्टा 15 मई, 1949 में होई। अबकै मत्सय संघ भिळ्यो। छठी चेस्टा 26 जनवरी, 1950 में होई। सिरोही नै भेळ्यो। सातवीं अर छेकड़ली चेस्टा 1 नवम्बर, 1956 में होई। अबकै अजमेर रियासत भिळी। इणी दिन 9 बज'र 40 मिनट माथै राजस्थान अर राजस्थानी लोकराज रै गेलै लाग्या। आज रै आपणै राजस्थान नै बणावण सारू सात चेस्टावां होई। राजस्थान दिवस पण तीजी चेस्टा रै दिन 30 मार्च नै ई मनावणो तेवड़ीज्यौ। राजस्थानी भासा रै पाण बण्यौ राजस्थान। हाल पण राजस्थानी भासा राज-मानता नै तरसै। मायड़भासा रा मौबीपूत सुरगवासी साहित्यकार कन्हैयालाल सेठिया रै काळजै री पीड़ दूहे में बांचो-
खाली धड़ री कद हुवै, चैरै बिन्यां पिछाण?
मायड़ भासा रै बिन्यां, क्यां रो राजस्थान ?
मायड़ भासा रै बिन्यां, क्यां रो राजस्थान
राजस्थान री थापणा हुई बो दिन हो तीस मार्च-1949। राजस्थान नांव पच्छम रा इतिहासार 'कर्नन जेम्स टाड' 1829 में दियो। इण सूं पैली इण रो नाम राजपूताना हो। ओ नांव जार्ज थामस सन 1800 में दियो। राजपूतानै में 26 रियासतां ही। आं नै भेळ'र भारत में मिलावण री पैली चेस्टा 31 दिसम्बर, 1945 में पंडित जवाहरलाल नेहरू करी। बां उदयपुर में राजपूताना सभा बणाई। दूजी चेस्टा उदयपुर रा राजा भूपालसिंह अर बीकानेर नरेश सार्दुलसिंघजी करी। पैला गृहमत्री सरदार पटेल चौथी चेस्टा में इण राजपूतानै नै भारत संघ में रळायो। आज रै राजस्थान रै एकठ री बी सात चेस्टावां होई। पैली चेस्टा 18 मार्च, 1948 में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली नै भेळण री। नांव थरप्यो- मत्सय संघ। इणरी राजधानी बणी अलवर। राजप्रमुख बण्या धौलपुर नरेश उदयभान सिंघ। प्रधानमत्री बण्यां शोभाराम कुमावत। दूजी चेस्टा 25 मार्च, 1948 में हुई। मत्सय संघ में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, कुशलगढ, शाहपुरा, प्रतापगढ, किशनगढ, टोंक अर डूंगरपुर नै भेळ'र राजस्थान संघ बणायो। इणरी राजधानी कोटा। कोटा रा महाराज भीमसिंह राजप्रमुख। गोकळदास असावा प्रधानमंत्री। तीजी चेस्टा18 अप्रेल, 1948 में होई। इण बार उदयपुर राजस्थान संघ में भिळ्यो। उदयपुर रा महाराजा भूपालसिंह राजप्रमुख। माणिक्य लाल वर्मा बण्या प्रधानमंत्री। चौथी चेस्टा 30 मार्च, 1949 में। इण बार बण्यो बृहद राजस्थान। इण बार रियासतां भिळी बीकानेर, जयपुर, जैसलमेर अर जोधपुर। राजप्रमुख बण्या महाराजा भूपालसिंह। उप राजप्रमुख कोटा महाराव भीमसिंह। हीरालाल शास्त्री बण्या प्रधानमंत्री। पांचवी चेस्टा 15 मई, 1949 में होई। अबकै मत्सय संघ भिळ्यो। छठी चेस्टा 26 जनवरी, 1950 में होई। सिरोही नै भेळ्यो। सातवीं अर छेकड़ली चेस्टा 1 नवम्बर, 1956 में होई। अबकै अजमेर रियासत भिळी। इणी दिन 9 बज'र 40 मिनट माथै राजस्थान अर राजस्थानी लोकराज रै गेलै लाग्या। आज रै आपणै राजस्थान नै बणावण सारू सात चेस्टावां होई। राजस्थान दिवस पण तीजी चेस्टा रै दिन 30 मार्च नै ई मनावणो तेवड़ीज्यौ। राजस्थानी भासा रै पाण बण्यौ राजस्थान। हाल पण राजस्थानी भासा राज-मानता नै तरसै। मायड़भासा रा मौबीपूत सुरगवासी साहित्यकार कन्हैयालाल सेठिया रै काळजै री पीड़ दूहे में बांचो-
खाली धड़ री कद हुवै, चैरै बिन्यां पिछाण?
मायड़ भासा रै बिन्यां, क्यां रो राजस्थान ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें