]><[ पै'ली अर अब ]><]
1.रिस्ता
पै'ली होंवंता
खून रा रिस्ता
पण अब
रिस्तां रो
खून होवै !
2.आदमी
पै'ली आदमी
भगवान नै ढूंढतो
पण अब
भगवान
आदमी नै ढूंढै !
3.धरम
पै'ली
धरम री जड़
सदा हरी राखता
पण अब
धरम री जड़
संकै नीं उपाड़ता !
4.भगवान
पै'ली भगवान
भाठां तांईं में रैंवता
पण अब
राम निकळग्यो
सगळां रो !
5.राजप्रमुख
पै'ली
राजप्रमुख
राज करता
पण अब
राजप्रमुख
अकाज करै !
[ म्हारै 1994 में छप्यै कविता संग़्रह "सबद गळगळा"रै पृष्ठ 78,79 अर 80 सूं]
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