कागद राजस्थानी

गुरुवार, 1 नवंबर 2012

पांच दूहा भिस्टवाड़ै रा


==============
अन्ना बापड़ो ऐकलो , भिस्टड़ा है अणथाग ।
लाम्पो लेय लगाय दे, जनता आं रै आग ।1।
कुरसी बैठ कूड़ कथै, कुरसी छूट्यां सांच ।
कुरसी आं री खोसल्यो, साल न देवो पांच ।2।
करै दलाली   निसरमा,   जीत परा चुणाव ।
मूंघा  बेचै  कोयला ,   जेबां  घालै  भाव ।3।
राम  रुखाळो  देस  रो,  काटै  नेता  कान ।

जनता बैठी गूंग में, किंयां बचसी स्यान ।4।
सांची  मानो  बातड़ी,  नेता  जी  रा  बोल ।
जनहित में जे जीमग्या, खोलो मत ना पोल ।5।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...