कागद राजस्थानी

बुधवार, 1 जून 2011

राजस्थानी भाषा-म्हारी टीप


राजस्थानी भाषा कहीं से भी कमजोर नहीं ! इसकी ७३ बोलियां तो इसकी ताकत है जिन से कमजोर लोग डरते हैं । कमजोर लोग खुद की कमजोरी को छुपाने के लिए राजस्थानी भाषा को कमजोर बताते हैं ! ऐसे लोगों पर तरस के सिवाय कुछ नहीं किया जा सकता । खैर ! चिन्ता म...त करो सोनी जी , यह अंधेरा छंटने वाला है ! हमारी मातृभाषा राजस्थानी को मान्यता भी मिलेगी और विश्व की तमाम भाषाओं में पुन: सिरमोर भी बनेगी फ़िर वह दुनिया को दिखाएगी कि साहित्य क्या होता है
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अपनी मातृभाषा राजस्थानी को मान्यता देनी पडे़गी और देनी ही पडे़गी-आज नहीं तो कल ,बस !आप देखना बहुत ही जल्दी वह दिन आएगा जब राजस्थानी भाषा अपने सम्पूर्ण वज़ूद,मठोठ,बांकपन और वैभव के साथ दुनिया के सामने दमकेगी !तब देखना राजस्थान... ही नहीं पूरे देश की तकदीर और तसवीर ही बदल जाएगी क्यों कि यह वह भाषा है जिसने पूरी दुनिया को आर्थिक बादशाह ही नहीं विद्वान दिए है । त्याग , तप, बलिदान, समर्पण,ईमानदारी, हठ,योग,योजना,
निर्णय,कोल,उद्यम,बिणज-व्यपार,प्रबंधन. कला-संस्कृति,साहित्य-संगीत जैसे गुरों एवम मूल्यों से अटी यह राजस्थानी धरती अपनी वैभवशाली राजस्थानी भाषा के माध्यम से पूरे देश में नई क्रांति लाएगी !
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मायड़ सारु मानता,चालो चालां ल्याण।
जोग बणाया सांतरा,जोगेश्वर जी आण ।।

दिल्ली बैठगी धारगै,मून कुजरबो धार ।
हेलो मारां कान मेँ,आंखां खोलां जा'र ।।

हक है जूनो मांगस्यां, जे चूकां तो मार ।
दिल्ली डेरा घालस्यां,भेजै लेवो धार ।।

माथा मांगै आज भी,राज चलावणहार ।
माथा मांडो जाय नै,दिल्लड़ी रै दरबार ।।

लोकराज मेँ भायला, माथां रो है मान ।
जाय गिणाओ स्यान सूं.चोड़ा सीना ताण ।।

भाषण छोडो भायलां,आसण मांडो जाय।
अब जे आपां चूकग्या,लाज मरै ली माय ।।

देव भौमिया धोक गै, हो ल्यो सारा साथ ।
माथां सूं माथा भेळ,ले हाथां मेँ हाथ ।।

झंडा डंडा छोड गै,छोड राज गो हेत ।
दिल्ली चालो भाईड़ां,निज भाषा रै हेत ।।
                                  [ओम पुरोहित "कागद"]
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आज खुद राजस्थान्यां राजस्थानी बपरावणी छोड़ दी । राजस्थान्यां नै खुद राजस्थानी बोलतां हीणता लखावै । पैँटड़ी आळा राजस्थान्यां रै घरां चूल्है ताणीँ राजस्थानी री जाग्यां हिन्दी अंग्रेजी आ ...बड़ी । लोगड़ा आपरै टाबरां नै हिन्दी अंग्रेजी मेँ बोल बंतळ करतां नै देख हरखावै । ऐड़ी राम्पारोळ कारण राजस्थानी री राजमानता अनै भणाई रो माध्यम नी होवणो इज है। जकी भाषा राज बोलै बा ई प्रजा बोलै । जद राज काज अर भणाई री भाषा राजस्थानी होसी अनै जूण हर छेतर मेँ राजस्थानी बपराइजसी तो मतै ई राजस्थानी घर घर मेँ पाछी सागी ठिकाणै ढूकसी । इण दौर मेँ बा ई भाषा बिगसै जकी नै राजमानता है ।इण सारु आ भोत जरूरी है कै राजस्थानी भाषा नै आठवीँ अनुसूची मेँ भेळीजै ।
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[] मायड़भाषा सारू दिल्ली में मंडसी " अखूट मरणों-धरणों " []



 अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति रा प्रदेश महामंत्र्री डा.राजेन्द्र जी बारहठ,प्रदेश सचिव,डा.सत्यनारायण जी सोनी,प्रेदेश प्रचार प्रभारी श्री विनोद जी स्वामी,राजस्थानी चिन्तन परिषद रा प्रदेश पाटवी श्री प्रहलाद राय जी पारीक, राजस्थानी छात्र मोर्चा रा प्रदेश संयोजक श्री गौरी शंकर जी निम्मीवाळ ,मोट्यार परिषद रा ज़िला पाटवी श्री अनिल जी जांदू,पै’लडा़ प्रदेश पाटवी डा.भरत जी ओळा, राजस्थानी भाषा रा ऐकळडा़ सिख कवि सरदार रूप सिंह राजपुरी जी इण 23 अर 24 अप्रेल नै हनुमानगढ़ अनै श्री गंगानगर जिलै में राजस्थानी भाषा मानता आंदोलन सारू "जन-जागण" अभियान टोरयो !  दोनूं ज़िलां रा मोट्यारां में जोस भर दियो यानी जोरदार ढंग सूं मायड़ भाषा री आं  अलख जगाई ! हरेक मोट्यार रै मुंडै "समर चढै मुख नूर " जेडा़ भाव दिखै हा !

आं दो दिनां में आं परलिका,नोहर,रावतसर,श्री गंगानगर,सूरतगढ़ अर 18SPD[ लाफ़्टर चैम्पियन अर फ़िल्मी हीरो ख्याली सहारण रो गांव ] में जोरदार बैठकां करी ! कई ठोड़ म्हैं भी इण टीम साथै हो ! ख्याली सह्हारण भी अखूट मरणै धरणै माथै फ़िल्मी हस्त्यां नै लेय’र बैठण रो पतियारो दियो !

सगळी ई ठोड़ लोगां कै’यो-- 
"रोज-रोज रै रोळै सूं म्हे तो आखता होग्या-अब तो बस दिल्ली में मरणों मांडो ! "


मरां चावै जीयां - दिल्ली सूं मायड़ भाषा नै आठवीं अनुसूची में जुडा़यां बिन्यां पाछा कोनी आवां ! थे तो बस दिल्ली रै जंतर-मंतर माथै ऐकर तप्पड़ बिछा देवो फ़ेर तो म्हे जाणां अर म्हारो काम जाणै ! बैठकां में ठोड़-ठोड़सैंकडूं लोगां हाथ उठाय’र मरणै - धरणै माथै बैठण री हामल भरी ! लोगां री भावनां देखतां थकां डा.राजेन्द्र बारहठ छेकड़ घोषणां करी कै अब तो बस दिल्ली रै"जंतर-मंतर" माथै " अखूट मरणों-धरणों " मंड ई सी ! उणां री घोषणां माथै लोगां ताळी ठोक’र "जै राजस्थान-जै राजस्थानी" री हुंकार भरी !


सूरत गढ री जन जागण बैठक रै बाद समिति रै लोगां बात -चीत करी जिण रो सार इण भांत है -

१-दिल्ली रै जंतर-मंतर माथै मई रै छेकड़लै हफ़्तै का जून रै पै’लै हफ़्तै "अखूट मरणों-धरणों" मंडसी !

२-मरणै धरणै री त्यारी सारू जयपुर में संघर्ष समिति रै बडेर री बैठक होसी ! इण बैथक में सरकार नै ज्ञापन,धरणै रो अळ्टीमेटम, धरणै री स्वीकृति ,रूट कंफ़र्मेशन, धरणै माथै खरच होवण आळी धनराशि रो प्रबन्ध,"अखूट मरणै-धरणै" अर रोज रा अरथाऊ धरणै माथै बैठणियां री  सूची बणावणी आद बातां रा फ़ैसला होसी !

३-अप्रेल रै अंत में का पछै मई रै पैलै ई हफ़्तै मुख्यमंत्री जी रै बारणै आगै चेतावणी रो डंको बजाय’र मोट्यार परिषद अर छात्र मोर्चो आरटेट RTET अनै RTE  में राजस्थानी भाषा  नै भेळण री मांग करसी !

४ तेरा करोड़ राजस्थानी बोलणिया आखै जग में है राजस्थान में तो फ़गत साढे च्यार करोड़ ई है इण सारू मरणै धरणै माथै आखै देश रै राजस्थान्यां रो तन-मन-अर धन सूं सै’योग लेवणों भोत ई जरूरी मान्यों !


५-गांव-गांव,ढाणी-ढाणी अर सै’र नगर में रैवणियां हरेक राजस्थानी नै मरणै धरणै माथै बैठणियां री पक्की सूची अभी सूं बणावणी सरू कर देवणी चाइजै ! सूची में नांव, जी सा रो नांव,ठावो ठिकाणों.घर रा फ़ोन नम्बर अर मोबाइल नम्बर लिखणा जरूरी है ! धरणै माथै बैठण सारू किणी नै नूंतो का तेडो़ नीम दिरीजै ला ! हरेक राजस्थानी आपरै 10 भायलां नै मोबाइल सूं SMS करसी !राजस्थानी भाषा रै  प्रचार -प्रसार सारू SMS आज सूं ई करणां सरू कर देवो ! SMS सूं  MLA अर  MP ज़िला प्रमुख अर प्रधानां नै मरणै धरणै री सूचना अनै आप रै सामल होवण री हुंकार तो भेज-भेज’र आखता कर ई देवो !

६- नेतावां नै आज सूं ई चेतावण सारू -"सुणल्यो नेता डंकै री चोट-पै’ली भाषा पछै बोट" , "सगळी भाषावां नै मानता-राजस्थानी नै टाळो क्यूं , म्हारी जुबान पर ताळो क्यूं ?" जो राजस्थानी की बात करेगा-वही राजस्थान में राज करेगा !"  भेजणां सरू करो ! ऐ मूळ नारा होयसी !
  
७- मरणै धरणै माथै बैठणियो आपरा समूळा खरचा खुद करै लो !

आपणो राजस्थान-आपणी आजस्थानी !
जै राजस्थान-जै राजस्थानी !

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जकी भाषा नै राज बपरावै उणी नै प्रजा बपरवै ! लोकराज रो रोळो है कै राज बा ई भाषा बपरावै जकी संविधान में है ! लोगां आपणै सागै ज़बरो अन्याव करियो है ! आंख्यां में धूळ घाल’र आपणी भाषा खोस ली अर आपणै राजस्थान रै राज नै पारकी भाषा रो खुणखुणियो झला ......दियो जको आपां नै बजावणो ई नी आवै न सावळसर आपणै घरू राज नै ई बजावणो आवै ! ईं कारण आपां बिन्या खेल्यां ई लगो लग हार रैया हां भाषा रै इण झुणझुणियां खेल में ! आज राज नै प्रजा री भाषा दिरावणी अर उणी रै हाथां बिगसावण रो काम दिरावणो है ! ओ काम लोकराज में प्रजा ई कर सकै ! जद राजस्थान रा सगळा लोग भेळा सामल होयर सामल बाज्जो बजासी तो ईं गूंगी बोळी केंद्र सरकार रूपी भैंस नै सुणीज सी ! बा घडी़ अब आयगी है कै आपां सामल बाज्जो बजावां ! राज रा कान खोलां ! अब नेतावां नै साफ़-साफ़ सबदां में केवणो पड़सी-
सुणल्यो नेता
डंकै री चोट
पैली भाषा
पछै बोट !
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21 फरवरी नै बंगला देश री भाषा बंगला नै संयुक्तराष्ट्र मानता दी अर इण री याद मेँ आखी दुनियां सारु इण दिन नै "मातृभाषा दिवस" घोषित करीज्यो । आज आखो संसार आप आप री मायड़ भाषा रो दिवस हरख कोड सूं मनावै पण आपां राजस्थानी इत्ता निरभागी हां कै आपरो काळजो झूरां अर छाती मेँ धमीड़ा खावां कै "हे मावड़ी ,म्हे म्हारै नेतावां रै मिजळापै रै कारण थारी मानता तक नीँ दिराय सक्या !"जद कै भारत री 22 भाषावां रा प्रदेश आपरी भाषावां नै आठवीं अनुसूची मेँ भिळवा'र ठरकै सूं ओ दिन मना रै'या है । काळजै में लाय उपड़ै पण रोवां किण रै आगै ? जका 35 सांसदां अर 200 विधायकां नै आपणै काळजै री पीड़ सुणनी चाईजै बां तो कानां मेँ तेल अर रूई घाल राखी है ।राजस्थान री विधानसभा सर्वसम्मति सूं राजस्थानी भाषा नै आठवीँ अनुसूची मेँ भेळण रो संकळप प्रस्ताव पारित कर'र संसद मे संविधान संशोधन सारु 8 सालां सूं भेज राख्यो है पण हाल कोई गिनार नीँ है ।जनगणना आयगी । अब आपां नै चेतो राखणो है अर ऐको राखणो है अर ऐक सुर में जनगणना रै प्रपत्र रै कोलम 10 मेँ मातृभाषा राजस्थानी ई लिखावणी है । ध्यान रै'वै कै इण प्रपत्र मेँ वागड़ी,बागड़ी,मेवाड़ी,मेवाती, हाड़ोती,शेखावाटी, ढुंढाड़ी,मारवाड़ी आद आपणी 73 बोल्यां-उपबोल्यां नीँ लिखावणी है। ऐ बोल्यां तो आपणै घर,गुवाड़ी,गांव,गळी अर परवार मेँ बरतारै री है । आं सगळी बोल्यां री धिराणी है राजस्थानी भाषा !दुनियां री हरेक भाषा मेँ बोल्यां होवै । जियां हिन्दी मेँ 42, अंग्रेजी मेँ 62, पंजाबी मेँ 29 अर गुजराती मेँ 27 बोल्यां है पण हिन्दी,अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, मराठी, तमिल ,तेलगु, मलयालम, उड़िया,कोँकणी, सिंधी, आद सगळा आपरी भाषा ई लिखावै बोल्यां नीँ ।बोल्यां रै ओसत नै अंवेरती ऐक भाषा होवै जकी सगळी बोल्यां रो नेतृत्व करै । नेतृत्व करण आळी भाषा मेँ उण बोल्यां री सौरम होवै । आपणी राजस्थानी भाषा भी आपणी 73 बोल्यां-उपबोल्यां रो नेतृत्व करै अर इण मेँ आपणी सगळी बोल्यां री सौरम है । तो आओ आपां ऐक हो परा भारत सरकार नै जनगणना रै मारफत चेतावां कै देखो म्हे इत्ता करोड़ राजस्थानी ऐक हां अर अब म्हारी मायड़ भाषा नै मानता देओ ! इण जणगणना नै राजस्थान अर राजस्थान्यां री ऐकता री पड़छिब बणा'र साम्हीँ ल्याओ
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आज आखो जगत मात भाषा दिवस मना रै'यो है पण आपां निरभागी राजस्थानी कीकर मनावां ओ दिन ? काळजै मेँ लाय री लपटां उठै अर छाती मेँ धमीड़ा लेवां अनै राज नै झींकां जकै म्हारी जबान दिल्ली मेँ हिन्दी पेटै अडाणै राख राखी है ।
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राज बणायो राजव्यां,
जनता घाली ज्यान ।
मायड़ भाषा रै बिना,
मून है राजस्थान ।।

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अब ऐकर भूलो बोल्यां अर मायड़ भाषा राजस्थानी लिखवाओ जनगणना मेँ ! राजस्थानी आपणी मायड़ भाषा है अर मेवाड़ी,वागड़ी,बागड़ी,ढुंढाड़ी,हाड़ोती,शेखावाटी, ब्रज,मेवाती अर मारवाड़ी समेत इण री 73 बोल्यां अनै उपबोल्यां है । जनगणना प्रपत्र रै कोलम 10 मेँ आपां नै बोल्यां नी लिखावणी है ।
बस अब तो आ ई याद राखो
आपणो राजस्थान !
आपणी राजस्थानी ! !

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[*] आर.ए.एस. परीक्षा हेतु सुझाव [*]





अध्यक्ष
कार्मिक विभाग
शासन सचिवालय
राजास्थान सरकार
जयपुर                        
                               विषय-आर.ए.एस. परीक्षा हेतु सुझाव !
महोदय,

उपर्युक्त विषय में अग्रानुसार सुझाव प्रेषित हैं ! कृपया इन पर गौर फ़रमाएं तथा परीक्षण करवा कर लागू करवाएं ताकि राजस्थान मूल के बेरोजगार युवकों तथा राजस्थान की आम जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके-

१- राजस्थान प्रशासनिक लोक सेवकों की प्रस्तावित भर्तियां राजस्थान की जनता को सुशासन देने हेतु की जानी हैं अत: ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों का चयन सुनिश्चित किया जए जो राजस्थान राज्य की जनता की भाषा,संस्कृति व व्यवहार को जानते हों ! ऐसा राजस्थान को छोड कर अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोग भी कर रहे हैं ! आप इस हेतु अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रणालियों का अवलोकन करवा कर उचित एवम समुचित कदम उठाएं !

२-यदि राज्य में ऐसा किया जाता है तो इन भर्तियों में बाहरी राज्यों के लोगों को राज्य में भर्ती होने से रोका जा सकता है , जिस से प्रदेश को अपने बेरोजगार युवकों को प्राशासनिक सेवाओं में रोजगार देने का अवसर मिलेगा ! राज्य की जनता को भी उनकी भाषा व संस्कृति जानने वाले उनके बीच के अधिकारी मिल पाएंगे ! ऐसे अधिकारियों के समक्ष जनता अधिक मुखर हो कर अपनी बात आत्मीयता से कह पाएगी ! जनता व सरकार में संवाद बढेगा तथा दोनो के बीच दूरी कम होगी ! यह लोक कल्याण एवम सुशासन के लिए कारगर कदम भी होगा , जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की जाएगी !

परीक्षा प्रणाली हेतु सुझाव
 वर्तमान में अपनाई गई प्रणाली तो दुरुस्त है मगर प्रश्न पत्रों के विषय एवम सामग्री पर अग्रानुसार विचार किया जाए-
प्रथम चरण-
प्राम्भिक अथवा छंटनी परीक्षा-
यह आवश्यक है ! दो सो नम्बर के इस प्रश्न पत्र में 25% अंक भार राजस्थानी भाषा और उसकी बोलियां , 25% राजस्थानी कला ,संस्कृति व राजस्थानी लोक जीवन शैली , 25% अंक भार राजस्थान का इतिहास,कृषि,,उद्योग, व्यपार,खनिज,जलवायु से सम्बन्धित हो तथा 25% अंक भार हिन्दी व अंग्रीजी भाषाओं का ज्ञान व राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान का शामिल किया जाए !

द्वितीय चरण-
  
प्रथम प्रशन पत्र-     राजस्थान का सामान्य ज्ञान और सामान्य अध्ययन
द्वितीय प्रश्न पत्र-     भारत का सामान्य ज्ञान और सामान्य अध्ययन
तृतीय प्रश्न पत्र-      विश्व का सामान्य ज्ञान और सामान्य अध्ययन

चतुर्थ प्रश्न पत्र-       भाषागत ज्ञान [ 50 % अंक भार राजस्थानी भाषा और उसकी बोलियों  का ,
30%हिन्दी का व  20 % अंक भार अंग्रेजी के ज्ञान का रखा जाए  ]               
                              आशा है इन सुझाओं पर गम्भीरतापूर्वक विचार करेंगे तथा राजस्थान के लोगों को उन्हें जानने समझने वाले अधिकारी उपलब्ध करवाने तथा राजस्थान के अपने बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की ओर सार्थक कदम उठाएंगे !



              भवदीय

ओम पुरोहित"कागद"
24- दुर्गा कोलोनी
हनुमानगढ़ संगम-335512
Email-omkagad@gmail.com
BLOG-omkagad.blogspot.com

मायड़ भाषा राजस्थानी अर राजस्थान रा हेताळू भाई बैन ईण ID माथै बेसी सूं बेसी सुझाव खिन्दाओ-

dopcomputer@yahoo.co.in

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जय हो सगळां री !
ऐको राखो
अर
चेतो राखो !
चेतै रै च्यानणै चावना पूरीजै !
...भाई जे.एस. परमार री बात ठीक है !
आपणी मांग रो पै'लड़ो लाजमी सूत्र आपणी विधानसभा सूं पारित है । आ बात दिल्ली सरकार नै अखरावणी है । लोकराज है ! कोई भी लोकलाडी सरकार लोक री मांग री अणदेखी नीँ कर सकै , आ अखरावणी है । मरणै मारणै री कठै दरकार ! आपां नै फगत मरणोँ मांडणोँ है । लोकलाडी सरकार आंदोलनकारी नै मरण नीँ देवै । सरकार जाणै है कै ऐक भी आंदोलनकारी री मौत रो काईँ मोल होवै ! इण वास्ते आपां नै भगवान महावीर रै अहिँसा रै गेलै चाल'र सरकार नै झुकावणोँ है । अहिँसा रै हथियार रै आगै सरकार कियां झुकै , आप लारलै दिनां भ्रष्टाचार रै खिलाफ लोकपाल विधेयक ल्यावण सारु होयै आंदोलन मेँ देख्यो ई है । आपां खुद री काया नै कष्ट देय आखै देस री अर आपणै विरोध्यां री भी सहानुभूति कमास्यां !
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आज संसद में मन-काळजै सूं मुद्दौ उठायो है तो काल बात भी बण सी !आप नै घणा-घणा रंग !
म्है राजस्थानी अब भूखा तो रै सकां पण भाषा बिना नी रै सकां ! राजस्थानी भाषा म्हारी आन-बान-शान-ज......्यान है ! म्हारी जुबान है । म्है ६३ सालां सूं अबोला बैठ्या हां-उडीकां हां कै देश री संसद-विधान सभा-ज़िला परिषद,पंचायत समिति अर गांव पंचायत में म्हारा जनप्रतिनिधि राजस्थानी भाषा में बोलसी अर मन री बात करसी !आ आस पूरीज जावै तो सातूं सुख मिल जावै !म्हारा टाबरिया भी न्याल होय जावै अर आप नै आसीस पुगावै !
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म्हारी रोटी बेटी राजस्थानी-म्हारी बोटी-बोटी राजस्थानी !
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