कागद राजस्थानी

शुक्रवार, 1 जून 2012

कुचरणीं
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छोरै खातर
छोरी देखण गया
बाबो अर माऊ
छोरी आळा
छोरी दिखाय'र बोल्या
छोरी घणीं स्याणी है
बेजां चतर है
काचर नै काट्यां बिन्यां
काचर रा बीज गिणलै !

माऊ बाबो बोल्या
बस बस आ ई चाईजै
छोरी के है
एक चीज है
म्हानैं तो इस्सी ई चाईजै
क्यूं कै छोरो म्हारो
काचर रो बीज है !

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