कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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रविवार, 2 जून 2013
लुगाई
घर हो
घर में सुपना हा
सुपना में लुगाई ही
लुगाई आई
घर निचींत होग्यो
अब लुगाई रै
सुपना में है घर ।
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