कागद राजस्थानी

शुक्रवार, 21 जून 2013

पंचलड़ी

मसळ आंखां जाग बता ।
कुण लगाई आग बता ।।
पड़ी चादर मैल जमी । 
कुण लगाया दाग बता ।।
कुण देसी रोटी अठै । 
कुण घालसी साग बता।। 
खावै बै बैठ्या माल ।
अठै फूट्या भाग बता ।।
इण नगरी दोरी जूण ।
जैरी कित्ता नाग बता।।

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