कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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शुक्रवार, 21 जून 2013
दूहा
काज करण नै थरपियो, जनता खुद रो राज ।
लाज सरम तज नेतिया ,
ढूक्या करण अकाज ।।
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