कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
||
रविवार, 2 जून 2013
दूहा,
खूंजै कोनीं रोकड़ा, गोडां कोनीं तंत ।
गोरी गोखै गोखड़ै, टसकै बूढा कंत ।।
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