[१]
मिनखां दाईं खेलस्यां आपां किरकेट अभी रुकॊ ।
ऊंदरा बोल्या टोस करो ऊपर उछाळो सिक्को ।
होयो जणां टॊश
उड्या बारां होस
मिनकी बोली म्हैं करस्यूं फ़ैसलो थोडा़ सा रुको ॥
[२]
म्हैं तो खेलूं कोनी जे एम्पायर है बिल्ली ।
ऊंदरो बोल्यो ऊंदरी सूं राफ़ां कर’र ढिल्ली ।
म्हनै तो लागै गप
कोनी कोई वर्डकप
आपणी आलागी धोकल्यो लाडी बजरंगबली ॥
[३]
क्रिकेट खेलण लाग्या मिल परा ऊंदरां ।
वर्ड कप राख लियो पार जाय समुंदरां ॥
पड़्यां बिन्यां ई गिली
आउट दे दिया बिल्ली
पूंछ उठा मैदान छोड भाजग्या जमूंदरा ॥
[४]
आउट क्यूं करियो म्हैं बणाणो हो शतक ।
मैदान सूं निकळ भाजी ऊंदरी बल्लो पटक ॥
थारै ऊंदी जंचगी
लाडी तूं तो बंचगी
मैदान में तो मिनकी एम्पायर जाती गटक ॥
[५]
किरकेट खेलै ऊंदरो आफ़त ना पूछ ।
हेलमेटियो पै’रै तो स्यामत लेवै मूंछ ।
छोडै नीं मिनकी इयां
लुकै तो लुकै कियां
नीं ढकै तो हिट विकेट कर देवै पूंछ ॥
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हिलमिल होळी खेली ऊंदरां दिखायो हेत ।
फ़ूल तोड़ ल्याया लाल-लाल जद गया खेत ।
रगड़ बणायो रंग
सागै घोटी भंग
मिनकी रै डर सूं पीग्या भांग रंग समेत ॥
[२]
सिर हो मोटो पण पतळी ही कड़तू ।
ब्या होयो नीं अर कुंआरो रै’ग्यो पड़तू।
बुडापै में लाग्यो नाको
बोल्यो ऊंचो कर बाको
देखता रै’ईयो अब बांध देस्यूं भड़तू ॥
[३]
नरेगा रै कारड़ में चिपकावणी ही फ़ोटू !
मोटी जोडा़यत साथै कोड में बैठ्यो कोटू ।
फ़ोटोग्राफ़र गिण्या तीन
कैमरै में आयो नीं सीन
बो बोल्यो बाबै नै भेज तूं उठज्या छोटू ॥
[४]
रीसां में बोल्यो ऐक दिन खेमलो खिलाडी़ ।
दारू पीवण नीं देवै रांड आयगी अनाडी़ ।
गया नीं होटल
खोली नीं बोतल
इयां तो भूखा ई मरजासी बापडा़ कबाडी ॥
[५]
ऊंदरै भेज्यो ऊंदरी नै ऐक दिन ई मेल ।
धरती माथै तो है कोनी थारै जिसी फ़िमेल ।
ऊंदरी बोली रुक
पै’ली देख फ़ेसबुक
बठै लाधसी लाडी म्हारै जिसी रेल री रेल ॥
[६]
ऊंदरी बोली कार ल्याओ चढूं कोनीं बस में ।
जी घुटै म्हारो भीड़-भाड़ अर भारी रस में ।
ऊंदरो बोल्यो धिक्कै कोनीं
तूं म्हारै अब टिक्कै कोनीं
थारै जिसी तो होवणी चाईजै सरकस में ॥
[७]
ऊंदरी ही पेट सूं डागधर जी करी सोनोग्राफ़ी ।
पेट में दिख्या बच्चिया अणगिणत अर काफ़ी ।
करो ना रीस
लेऊं नीं फ़ीस
म्हारै कोनीं इत्ता पालणियां म्हनै देवो माफ़ी ॥
[८]
देखो जमानै में फ़ैसन बदळ्या है दस्तूर ।
ऊंदरी बोली ऊंदरै सूं आपणो काईं कसूर ।
देखो टींगर-टींगरी
फ़ैसन में फ़ींगरी
हाथै फ़ाड़-फ़ाड़ पै’रै आपरा पै’रण आळा पूर ॥
[९]
ऊंदरो बोल्यो ऊंदरी सूं सुणै है काईं स्याणी ।
आज तो लड़ मरिया आपणां सेठ अर सेठाणी ॥
बात कोनीं छोटी
पकै कोनी रोटी
ऊंदरी बोली डरो ना होटल सू आसी रासण पाणी ॥
[१०]
ऊंदरी जाम्यो ऊंदरो ऐक सकल मिलै बिल्ली सूं ।
काईं बतावै दाई ऊंदरै रो फ़ोन आयो दिल्ली सूं ।
सतगुरू तेरी ओट है
ऊंदरी में तो खोट है
लाई ऊंदरो कींयां बचसी जग में उडती खिल्ली सूं ॥
फ़ूल तोड़ ल्याया लाल-लाल जद गया खेत ।
रगड़ बणायो रंग
सागै घोटी भंग
मिनकी रै डर सूं पीग्या भांग रंग समेत ॥
[२]
सिर हो मोटो पण पतळी ही कड़तू ।
ब्या होयो नीं अर कुंआरो रै’ग्यो पड़तू।
बुडापै में लाग्यो नाको
बोल्यो ऊंचो कर बाको
देखता रै’ईयो अब बांध देस्यूं भड़तू ॥
[३]
नरेगा रै कारड़ में चिपकावणी ही फ़ोटू !
मोटी जोडा़यत साथै कोड में बैठ्यो कोटू ।
फ़ोटोग्राफ़र गिण्या तीन
कैमरै में आयो नीं सीन
बो बोल्यो बाबै नै भेज तूं उठज्या छोटू ॥
[४]
रीसां में बोल्यो ऐक दिन खेमलो खिलाडी़ ।
दारू पीवण नीं देवै रांड आयगी अनाडी़ ।
गया नीं होटल
खोली नीं बोतल
इयां तो भूखा ई मरजासी बापडा़ कबाडी ॥
[५]
ऊंदरै भेज्यो ऊंदरी नै ऐक दिन ई मेल ।
धरती माथै तो है कोनी थारै जिसी फ़िमेल ।
ऊंदरी बोली रुक
पै’ली देख फ़ेसबुक
बठै लाधसी लाडी म्हारै जिसी रेल री रेल ॥
[६]
ऊंदरी बोली कार ल्याओ चढूं कोनीं बस में ।
जी घुटै म्हारो भीड़-भाड़ अर भारी रस में ।
ऊंदरो बोल्यो धिक्कै कोनीं
तूं म्हारै अब टिक्कै कोनीं
थारै जिसी तो होवणी चाईजै सरकस में ॥
[७]
ऊंदरी ही पेट सूं डागधर जी करी सोनोग्राफ़ी ।
पेट में दिख्या बच्चिया अणगिणत अर काफ़ी ।
करो ना रीस
लेऊं नीं फ़ीस
म्हारै कोनीं इत्ता पालणियां म्हनै देवो माफ़ी ॥
[८]
देखो जमानै में फ़ैसन बदळ्या है दस्तूर ।
ऊंदरी बोली ऊंदरै सूं आपणो काईं कसूर ।
देखो टींगर-टींगरी
फ़ैसन में फ़ींगरी
हाथै फ़ाड़-फ़ाड़ पै’रै आपरा पै’रण आळा पूर ॥
[९]
ऊंदरो बोल्यो ऊंदरी सूं सुणै है काईं स्याणी ।
आज तो लड़ मरिया आपणां सेठ अर सेठाणी ॥
बात कोनीं छोटी
पकै कोनी रोटी
ऊंदरी बोली डरो ना होटल सू आसी रासण पाणी ॥
[१०]
ऊंदरी जाम्यो ऊंदरो ऐक सकल मिलै बिल्ली सूं ।
काईं बतावै दाई ऊंदरै रो फ़ोन आयो दिल्ली सूं ।
सतगुरू तेरी ओट है
ऊंदरी में तो खोट है
लाई ऊंदरो कींयां बचसी जग में उडती खिल्ली सूं ॥
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