कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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रविवार, 2 जून 2013
जनता भोळी
धन रा लोभी लोगडा़
आखै दिन देवै
लोगां नै गोळी
छेकड़ रात नै
खुद भी
लेय’र सोवै
नीन्द आळी गोळी
पण नेतावां रै तो
नीं पडै़ आखी जूण
नीन्द मोळी
नेता सोवै
पांच साल
आखी जूण बरडा़वै
जनता भोळी !
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