कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014
डांखळो
फोज में भरती होग्यो सेठां आळो छोरो ।
गोळी ना लागै इण सारु करवायो डोरो ।
छिड़गी छेकड़ जंग
लाई होयो तंग
बोल्यो पेँट भरै, कठै है ओट खातर धोरो ।।
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