कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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गुरुवार, 24 अप्रैल 2014
डांखळो
गुड़गांवै गयो ग्यानी गंगोतर गोरड़ो।
घरां कै'र गयो ढूंढ्या ना लाडी छोरड़ो ।
ठोड़ ठिकाणोँ ठायो कोनीँ
बुलवायो तो आयो कोनीँ
थम्यो जद पड़्यो पुलिस आळो कोरड़ो ।।
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