हाथ सूं छूट नाळी में पड़ग्यो सो आळो लोट ।
कादै मेँ सोधण कूदग्या सेठजी बांध लंगोट ।
कादो भरीजग्यो मुंडै में
भोत खाटी होई भुंडै मेँ
सेठाणी तो छोड छाड बसगी जाय'र मलोट ।
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गुड़गांवै सूं सेठ खरीद ल्यायो बकरी ।
बा घर सूं भाजी अर गोधै सूं जा टकरी ।
गोधै दिखायो रंग
सेठ होगियो तंग
चक धोती बो भाजग्यो फतैपुर सीकरी ।।
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