कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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गुरुवार, 10 अप्रैल 2014
बगत रा काळा लेख
थूं उण पार
म्हैं इण पार
बीच में
वायरै हाथां
उधड़तो-उथळीजतो
मून अकूंत थार ।
आडी पटक सड़क
अंट रैयो है थार
जाणैं डट रैयो है
कोई डोकरो
घर री
आब रुखाळतो
छाती माथै लियां
बगत रा काळा लेख ।
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