मनरळ्यै मीत सूं
मिलण जांवतां
मन में होवै
कितरी खाथावळ
पगां नै पण नीं होवै
ऐड़ी कोई उंतावळ
पग भाड़ेती मन रा
भाजै मन लारै !
मिलण-बतळावण री
उपड़ती चावना रै
आडा आंवता
मारग रा मील भाठा
डाडा खारा लागै
गिणना ई पड़ै सगळा
मिंडी सूं सरू कर
छेकड़ली मिंडी ताईं ।
कई बार
जावणों पड़ै
ऐड़ी जातरा माथै
जकी रुचै नीं मन नै
ऐड़ी घड़ी
कित्ता बेगा नीवड़ै
मारग रा मील भाठा
एक नीवड़ै नीं
दूजो झट आ ढूकै !
मिलण जांवतां
मन में होवै
कितरी खाथावळ
पगां नै पण नीं होवै
ऐड़ी कोई उंतावळ
पग भाड़ेती मन रा
भाजै मन लारै !
मिलण-बतळावण री
उपड़ती चावना रै
आडा आंवता
मारग रा मील भाठा
डाडा खारा लागै
गिणना ई पड़ै सगळा
मिंडी सूं सरू कर
छेकड़ली मिंडी ताईं ।
कई बार
जावणों पड़ै
ऐड़ी जातरा माथै
जकी रुचै नीं मन नै
ऐड़ी घड़ी
कित्ता बेगा नीवड़ै
मारग रा मील भाठा
एक नीवड़ै नीं
दूजो झट आ ढूकै !
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