. *तीन कुचरणीं*
1.आया कोनींचुणावां में बोटनेताजी रैचढगी घोटबोल्या-अब किंयां सिकसीराख में रोट ?
1.
नेताजी रो जद
जनता में घटग्यो रेट
दियो ग्यापन
बैठग्या धरणैं
बोल्या-
उठाओ अठै सूं
ओ कोटगेट !
3.
नेताजी रो रथ
पारटी में होग्यो
जद व्यरथ
नेताजी चाल्या चाळा
सुणलै रे ऊपरआळा
बुढापै री लकडी
कुरसी झला तकडी !
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