कागद राजस्थानी

रविवार, 1 अप्रैल 2012

प्रीत

>।< प्रीत रो चितराम >।<

प्रीत-1


प्रीत पांगळी
चालै हळवां
पकड़ आंगळी
कथी अलेखूं
मथी कहाणीं
निकळी कूड़
पूगी भागती
फगत ऐकली
पगां उभाणीं ।

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