कागद राजस्थानी

बुधवार, 30 मई 2012

कुचरणीं

देखो रे लोगो
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दारु रो सोखीन हो
झिमली रो धणी
फूंफलो फंडो
नित री
ऐक सीसी सिरकावंतो
टळतो कोनीं
संडो होवै या मंडो
धणी लुगाई में होयगी
ईं बात पर राड़
झिमली मारयो डंडो
बो कूदग्यो डरतो बाड़
झिमली काढ़ी गाळ
मरयो कोनीं
साळो कुत्तो रंडो !

बो अरड़ायो
देखो रै लोगो
आ आप तो मरै कोनीं
म्हारै मारै डंडो
थे ई बताओ स्याणों
ईयां तो आ ई होसी रांड
म्हैं कियां होस्यूं रंडो !

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