कागद राजस्थानी

बुधवार, 31 अक्टूबर 2012

घेसळो

काको ल्यायो काकड़ी
काकी खा गी आम
काके ठोकी
डांग री
पीँपै रो
खुलग्यो ढक्कण
भाईड़ो दर्जी बुलाओ रे
गन्नै रो रस काढां!

[कागद]

[कागद]

<>*<> डांखळो<>*<>


चांद माथै जास्यूं   बोल्यो    तनियो   खाती ।
धरती लागै म्हनै अजकाळै जबरी घणीँ ताती ॥
                   लुगाई बोली टळो
                   चांद नै क्यूं तळो
टूट्योड़ै मांचलियै रै पै'ली लगाओ कनीँ पात्ती॥

रविवार, 28 अक्टूबर 2012

सरदी री कुचरणीं


1.
सरदी बोली
गरमी थूं बिगाड़ दी
भो मिनखां री
मिनख कर दिया
अधनागा
ना छोड्या पूरा पूर
ना चैरै माथै नूर
परसेवै सूं हळाडोब
मिनख फिरै गाणीमाणीं
घड़ी-घड़ीं मांगै पाणीं
म्हैं आई हूं तो
मिनखां में ज्यान आई है
अब मिनख खावै
गूंद मेथी रा जमावणां
छोड दिया
रोज-रोज रा न्हांवणां
चा पीवै अर सीरो खावै
ऐडी सूं चोटी पैरै गाभा
गूदड़ बिछावै सिरख ओढै
फेर दस बजे तांईं पोढै !

गरमी बोली

रैवण दे ऐ बरफां जाई
देख्योड़ी है थांरी चतराई
थंन्नै देखतां ई
मिनख नै धूजणीं छूटै
नास्यां में सेडा घुटै
काम छोड खावण ढूकै
गूदड़ां पड़्यो हाथ सेकै
मिनख हो जावै पळगोड
बुद्धि हो जावै सुन्न
आखै दिन ढक्यां भोड
म्हैं आय'र परसेवो काढ
उण री चरबी उतारूं
नित हंपाड़ो कराय
मिनख नै मिनख बणाऊं
प्याऊ खुला
पुन्न करवाऊं
म्हारै बिन्यां मिनख री
कोई गत कोनीं ।

सिर पग री कुचरणीं


सिर बोल्यो
थे तो दो-दो होय'र भी
भोत निरभागी हो रे पगां
थे नीचै फिरो
कादै में टिको
थे चावै राजा रा हो
चावै रंक रा
थांन्नै जूता मिला
म्हैं ऊंचो रैऊं
कादै में नीं टिकूं
मिनख री सगळी बुद्धि
म्हारी गुद्दी में रैवै
मिनख परणीजै तो
म्हारै ई मोड़ बंधै
राजा तो
म्हारै माथै सोनै रो
मुकट बांधता
गांधी अर सुभाष
म्हारै ऊपर ई
टोपी पैरता
फैसन करणियां
म्हारै माथै सैम्पू
भांत-भांत रा तेल
जैल अर करीम लगावै
कांगसिया फेर फेर
घड़ी-घड़ी पटा बावै ।

पग बोल्या

जावण दे ऐ भोडकी
म्हे जाणां
थांरी कित्ती-स्यान है
मिनख री बुद्धि
थांरी गुद्दी में होवै जद ई
मिनख री गुद्दी में
म्हारा खल्ला पड़ै
बुद्धि फिरै तो
झटका ई थांरै लागै
जुल्म मिनख करै
इन्याम थारै माथै होवै
घमंड में थूं ई सूजै
म्हे मिनख नै फिर-फिर
दुनियां दिखावां
म्हारो तो घर में
फेरो ई भलो
थांरी पाग भी
म्हारै माथै राखीजै
थांरी इज्जत सारु लोग
म्हारै हाथ लगावै
बावळा , थूं खुद नै
किंयां लूंठो बतावै !

दांत-जीभ री कुचरणीं


दांत बोल्या
थूं मा राड़ री
चटोरी बळै जीभड़ली
थंन्नै तो माल-मलीदा भावै
थूं आखै दिन
चपर चपर करै
थूं चालै तो भायां में
करवा देवै राड़

म्हे राखां थांरै आडी बाड़
पण लोगां नै गाळ काढ
थूं तो लुक जावै
पण मार म्हे खावां
थूं म्हांनै ई तुड़वा देवै
थंनै चीणां भावै तो
म्हे ई चाबां
थूं तो पोला-पोला गटकावै
म्हे मिर्च चाबां
पण बळत थांरै लागै
म्हे नीं होवां तो
नाक ठोडी रै चिप जावै
फेर तो सेडो सीधो
थांरै माथै आवै
मिनख रै हांस्यां म्हे ई दिखां
म्हे ई हां मुंडै री ओप !

जीभ बोली

घणीं हुंस्यारी ना करो
राखसिया राछ दांतां
थे खारो-खाटो चाब
म्हारै आगै ई धरो
थांरै कारण ई
म्हांन्नै बळणों पड़ै
बोलूं तो म्हैं हूं
थे पण चौधर रा भूखा
आगै आय दिखो
इणी खातर टूटो मरो
थे चांचड़ा-फूसड़ा फंसा दूखो तो
म्हैं ई फिर फिर काढूं
म्हारै ताण ई राम रटीजै
म्हैं तो एक ई हूं
थे बत्तीस अनै बत्तीस लखणां
थे ई हो जका
खावण रा और
अर
दीखण रा और होवो !

आंख-कान री कुचरणीं


आंख बोली
थे तो जाबक मोथा
डोफ्फा हो कानड़ां
थांन्नै तो कोई कतरल्यो
कीं देखो न भाळो
बात सुणो अर टोरो
थे चुगल्यां सुणो
जिण माथै मिनख लड़ै
थे तो घर बिगाड़ू हो
थांरै माथै
कोई बिसवास नीं करै
म्हैं चतर सुजान हूं
हरेक चीज देखूं
फेर बताऊं
म्हारी देख्योड़ी
कदै ई झूठ नीं होवै !

कान बोल्या

जावण दे ऐ
सांच री देबी
थांरै में तो कोई भी
धूड़ न्हाख सकै
थांरै आगै पड़दा आवै
थांरै माथै चसमा चढै तो
मिनख कूड़ो आंकड़ै
थूं है जद ई तो
मिनख नै रोवणों पड़ै
म्हे कान मिनख री स्यान
म्हारै माथै जूं रैंगै
लेखक अर बोपारी
म्हां माथै ई पैन टांगै
बिरामण अर पंडा
म्हां माथै जिनोई टांग्यां बिन्यां
मूत नीं सकै
टाबरां नै बिलमावण सारु
म्हारै में ई
कानिया मानिया करीजै
और बात तो छोडो
देखो थे
पण
चसमै रो भार
म्हांनै ई ढोवणों पड़ै !

हाथ-पग री कुचरणीं


हाथ बोल्या
म्हे तो माल में जावां
थे कादै में जाओ पगां
कदै ई गोबर टिको
कदै ई भोभर में
आदमी री जद चालै नीं
तो बो थांन्नै ई पटकै
थे आदमी नै
टिकण नीं देवो
ठोड़-ठोड़ रुळाओ
थारा ई फेरा
आच्छा माड़ा बजै
म्हे आदमी रै मुंडै
आच्छी आच्छी चीजां घालां
मुंडो धोवां-पूंछां
नुहावण सूं लेय'र
सगळा अंग साफ करां
मिनख रा आंसू पूंछां
खाज करां
माच्छर माखी उडावां
सरत लगावां
रिपिया गिणां
ताळी बजावां
भगवान आगै जुड़ां
म्हांनै जोड़-जोड़
आदमी ठाह नीं कित्ता
काम काढ़ लेवै
भाग रेख भी म्हारै खन्नै
म्हे ई हथलेवो करावां
म्हारै बिन्यां तो मिनख
कोई काम नीं कर सकै !

पग बोल्या

थे तो सूगला
जाबक निसरमा हो हाथां
सगळा खोटा कामां में
थे ई होवो
थांरो डोळ दुनियां जाणैं
थे मंडो तो
मिनख मंगतो बणै
सगळी कूटा- मारी
समूळी हिंसा थे करो
थाप में थे
डुक-मुक्कै-रैपट में थे
चोरी-चकारी थांरा काम
रिस्पत थे झालो
नेतावां खातर
घोटाला थे करो
कादो-गंद-मळ-मूत
थे ई धोवो
सूगलै अंगां माथै
थे ई ढूको
थे जचै जकै रै आंगळी
जचै जकै रै खाज करो
म्हे मिनख रो भार ढोवां
तीरथ करावां
दुनियां घुमावां-दिखावां
मार पड़ै जद मिनख नै
भाग-भाग बचावां
म्हारै बिन्यां
मिनख नै ढोई कोनीं
म्हारै जिसो हेताळू
मिनख रो कोई कोनीं !
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