1. सरदी बोली गरमी थूं बिगाड़ दी भो मिनखां री मिनख कर दिया अधनागा ना छोड्या पूरा पूर ना चैरै माथै नूर
परसेवै सूं हळाडोब मिनख फिरै गाणीमाणीं घड़ी-घड़ीं मांगै पाणीं म्हैं आई हूं तो मिनखां में ज्यान आई है अब मिनख खावै गूंद मेथी रा जमावणां छोड दिया रोज-रोज रा न्हांवणां चा पीवै अर सीरो खावै ऐडी सूं चोटी पैरै गाभा गूदड़ बिछावै सिरख ओढै फेर दस बजे तांईं पोढै !
गरमी बोली रैवण दे ऐ बरफां जाई देख्योड़ी है थांरी चतराई थंन्नै देखतां ई मिनख नै धूजणीं छूटै नास्यां में सेडा घुटै काम छोड खावण ढूकै गूदड़ां पड़्यो हाथ सेकै मिनख हो जावै पळगोड बुद्धि हो जावै सुन्न आखै दिन ढक्यां भोड म्हैं आय'र परसेवो काढ उण री चरबी उतारूं नित हंपाड़ो कराय मिनख नै मिनख बणाऊं प्याऊ खुला पुन्न करवाऊं म्हारै बिन्यां मिनख री कोई गत कोनीं ।
दांत बोल्या थूं मा राड़ री चटोरी बळै जीभड़ली थंन्नै तो माल-मलीदा भावै थूं आखै दिन चपर चपर करै थूं चालै तो भायां में करवा देवै राड़
म्हे राखां थांरै आडी बाड़ पण लोगां नै गाळ काढ थूं तो लुक जावै पण मार म्हे खावां थूं म्हांनै ई तुड़वा देवै थंनै चीणां भावै तो म्हे ई चाबां थूं तो पोला-पोला गटकावै म्हे मिर्च चाबां पण बळत थांरै लागै म्हे नीं होवां तो नाक ठोडी रै चिप जावै फेर तो सेडो सीधो थांरै माथै आवै मिनख रै हांस्यां म्हे ई दिखां म्हे ई हां मुंडै री ओप !
जीभ बोली घणीं हुंस्यारी ना करो राखसिया राछ दांतां थे खारो-खाटो चाब म्हारै आगै ई धरो थांरै कारण ई म्हांन्नै बळणों पड़ै बोलूं तो म्हैं हूं थे पण चौधर रा भूखा आगै आय दिखो इणी खातर टूटो मरो थे चांचड़ा-फूसड़ा फंसा दूखो तो म्हैं ई फिर फिर काढूं म्हारै ताण ई राम रटीजै म्हैं तो एक ई हूं थे बत्तीस अनै बत्तीस लखणां थे ई हो जका खावण रा और अर दीखण रा और होवो !
हाथ बोल्या म्हे तो माल में जावां थे कादै में जाओ पगां कदै ई गोबर टिको कदै ई भोभर में आदमी री जद चालै नीं तो बो थांन्नै ई पटकै
थे आदमी नै टिकण नीं देवो ठोड़-ठोड़ रुळाओ थारा ई फेरा आच्छा माड़ा बजै म्हे आदमी रै मुंडै आच्छी आच्छी चीजां घालां मुंडो धोवां-पूंछां नुहावण सूं लेय'र सगळा अंग साफ करां मिनख रा आंसू पूंछां खाज करां माच्छर माखी उडावां सरत लगावां रिपिया गिणां ताळी बजावां भगवान आगै जुड़ां म्हांनै जोड़-जोड़ आदमी ठाह नीं कित्ता काम काढ़ लेवै भाग रेख भी म्हारै खन्नै म्हे ई हथलेवो करावां म्हारै बिन्यां तो मिनख कोई काम नीं कर सकै !
पग बोल्या थे तो सूगला जाबक निसरमा हो हाथां सगळा खोटा कामां में थे ई होवो थांरो डोळ दुनियां जाणैं थे मंडो तो मिनख मंगतो बणै सगळी कूटा- मारी समूळी हिंसा थे करो थाप में थे डुक-मुक्कै-रैपट में थे चोरी-चकारी थांरा काम रिस्पत थे झालो नेतावां खातर घोटाला थे करो कादो-गंद-मळ-मूत थे ई धोवो सूगलै अंगां माथै थे ई ढूको थे जचै जकै रै आंगळी जचै जकै रै खाज करो म्हे मिनख रो भार ढोवां तीरथ करावां दुनियां घुमावां-दिखावां मार पड़ै जद मिनख नै भाग-भाग बचावां म्हारै बिन्यां मिनख नै ढोई कोनीं म्हारै जिसो हेताळू मिनख रो कोई कोनीं !