कागद राजस्थानी

शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

तीन हाइकुडा


1.
प्रीत उकळी
फिड़कलै दी नाड़
दीयै री लाट !
2.
प्रीत रो ढब्बू
फुलायो अणथाग
फूट्यो फट्टाक !
3.
प्रीत रा प्याला
भर-भर पींवता
छेकड़ टूट्या !

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