कागद राजस्थानी

शनिवार, 21 जनवरी 2012

दो चितराम


मूंघीवाड़ै मेँ प्यार रा दो चितराम
-एक-
छोरा बोल्या
इण मूंघीवाड़ै में
कोनीं पड़ै पार
मत करो प्यार
आगै बध्या हो तो
लारै हटणों पड़सी
प्यार खातर छेकड़
नटणों पड़सी !

-दोय-
छोरयां बोली
इण मूंघीवाड़ै में
कोनीं पड़ै पार
अब करो प्यार
अब ताईं रो मून
अब तोड़णों पड़सी
इश्क रो गाडो
अब जोड़नो पड़सी

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