कागद राजस्थानी

बुधवार, 10 अक्टूबर 2012

पंचलडी़

इयां ना समझ्या थे डरग्या बै ।
भूखा हा बापड़ा मरग्या बै ।।
आप तो जीमो सा बड़ भीतर ।
साग रोटी बणा'र धरग्या बै ।।

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