कागद राजस्थानी

रविवार, 21 अक्टूबर 2012

डांखळो

डांखळो
******
फेसबुक माथै कविता लिखती चंडी बाई चैंड ।
भोत सराया करतो बापड़ो ऐकलो हसबैंड ।
           भायलां सूं करी अपील
          कमेंट करो बिन्यां ढील
जे अणखांवणां कर दिया तो कर देस्यूं अनफ्रैंड ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...