कागद राजस्थानी

बुधवार, 10 अक्टूबर 2012

बिजळी आळा कट


हे आ गई
आ गी-आ गी
करतां-करतां
साल काढ दिया च्यार
अब तो सुणलै करतार !

आयगी देखो
अब तो कीं सरदी
सुणल्यो म्हारी
बिजळी आळां बेदरदी
अब तो भलांई
दिन भर आओ ना
पण रात भर जाओ ना !

सै'न नीं होवै थांरा

बिजळी आळा कट
कट सूं तो आछो है
कूटल्यो भलांई
पकड़-पकड़ जट !

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