कागद राजस्थानी

सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

<>कुचरणीँ<>



*आज़ादी-1*
अंगरेजां रो
मीँगणीं रळा'र
दियोड़ो दूध !
अब
पीओ भाया
कूद-कूद !
*आज़ादी-2*
जद तांईं
आंखां साम्हीँ है
टाबरां री दादी
नीँ मानै भू
खुद री आज़ादी !
*आज़ादी-3*
जद
होगी शादी
फेर
कठै रै'गी
आज़ादी !

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