कागद राजस्थानी
॥
ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
||
रविवार, 21 अक्टूबर 2012
कुचरणीं,
देखो
राज रा खेल
पड़तां ई बोट
दे दियो तेल !
अब
छोडो बसां
पकडो़ रेल !
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