कागद राजस्थानी
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ओम पुरोहित "कागद"-
हिंदी
/
राजस्थानी
॥
कागद हो तो हर कोई बांचै...
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सोमवार, 22 अक्टूबर 2012
* नेता जी *
नेता जी
गऊसाळा पूग्या
ढांढां रै
ठाण सारै जाय'र
बोल्या
परनै हो नीं गावड़ी !
कीँ म्हानै ई
चरण दे डावड़ी!
गा बोली
अरे ओ राखस
क्यूं आयो है
धर नेता रो भेस
म्हारै चारै सूं
किँयां धापैला
जद तूं नीँ धाप्यो
चरगै सारो देस !
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