कागद राजस्थानी

गुरुवार, 20 जून 2013

पांच दूहा भिस्टवाड़ै रा

अन्ना बापड़ो ऐकलो , भिस्टड़ा है अणथाग ।
लाम्पो लेय लगाय दे, जनता आं रै आग ।1।
कुरसी बैठ कूड़ कथै, कुरसी छूट्यां सांच ।
कुरसी आं री खोसल्यो, साल न देवो पांच ।2।
करै दलाली निसरमा, जीत परा चुणाव ।
मूंघा बेचै कोयला , जेबां घालै भाव ।3।
राम रुखाळो देस रो, काटै नेता कान ।
जनता बैठी गूंग में, किंयां बचसी स्यान ।4।
सांची मानो बातड़ी,नेता जी रा बोल ।
जनहित में जे जीमग्या, खोलो मत ना पोल ।5।

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