कागद राजस्थानी

रविवार, 2 जून 2013

मा आई-चा ल्याई

म्हे सूत्या गूदड़ां
ऊपरियां कर डाकग्यो
खाथो सूरजड़ो
म्हे ऊठ्या नीं
छेकड़ सूरजड़ै 
भ्यां करी ।

बारा बजगी
मा आई
चा ल्याई
उठायो गूदड़
त्या करी
फेर आगै
चा करी
म्हारो दिन ऊगग्यो ।

हाथ मुंडा धोय
चौपड़ तेल
फेर कांगसी
घाल पेंटड़ी
पजा बुसटड़ी
पैर सुटरड़ी
जीम्या रोटी
गया हथाई
बातां टोरी
रठ्ठ भोत है
सूरज मातो
आथूण जांवतो
सूरज बोल्यो
म्हारै साथै
आ क्या करी !

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