कागद राजस्थानी

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

कुचरणीं


1.

1लुगाई तो है
घणीं ई मोटी
पण
लाई बापड़ा 
खुद पौवै रोटी !
.
2.
लुगाई बोली
थे तो स्याणों
रोटी पौय'र
पासै होग्या
अठै तो
जीमतां-जीमतां
होठ छुलग्या !
.
3.
लुगाई बोली
काम में कीं थे भी
सारो लगाया करो
म्हनै जीमाओ तो
आटो ओसण'र
रोटी बणाया करो !
.
4.
लुगाई बोली
मूंछ मरोड़ता फिरो
सरम रो ई घाटो
क्यां रा मिनख हो
जद पौय नी सको
डेढ सेर आटो !
.
5.
लुगाई बोली
घणीं आंख ना दिखाओ
जे दिखावण रो
इत्तो ई कोड है तो
चालो फिल्म दिखाओ !

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