कागद राजस्थानी

शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

*अजादी*

गोरा भाज्या छोडगै ,होयो देस अजाद । 
हाल गुलामी सांकड़ै,चौसठ बरसां बाद ।।
भारत माता आपणीं , खड़ी उडीकै आज ।
भिस्टाचारड़ो मेटसी , पूत बचासी लाज ।।
नीत सुधारो आपरी , पाछै भूंडो लोग ।
खुदरै सुधरयां मिटैलो, भिस्टाचार रो रोग ।।
अजादी री सोगन खा , तजो खुद भिस्टाचार ।
खुद मरस्यो जे भायला, हो सी जय जयकार ।।
आज अजादी आपणीँ, सांसां सूं अणमोल ।
पूत धरम अपणाय लै,भारत माता बोल ।।

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